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UPI के नियमों में बदलाव हो गया है। NPCI सिस्टम पर लोड कम करने और पेमेंट को फास्ट करने के लिए कुछ नए नियम लागू किए गए हैं। अब UPI ऐप पर दिन में केवल 50 बार बैलेंस चेक कर सकते हैं। ऑटो-पेमेंट सिस्टम व्यस्त समय के अलावा ही काम करेगा। फेल हुए ऑटो-डेबिट के लिए अब केवल चार मौके मिलेंगे।

इस महीने से आपका UPI एक्सपीरियंस थोड़ा बदल सकता है। जी हां, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यानी NPCI सिस्टम पर एक्स्ट्रा लोड को कम करने और UPI पेमेंट्स को और फास्ट करने के लिए कुछ बदलाव किए हैं, खासकर सबसे व्यस्त घंटों के दौरान आपको इसका सबसे ज्यादा लाभ होने वाला है। ऐसे में अगर आप रेगुलर PhonePe, Google Pay या Paytm जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो अब पेमेंट करने से पहले आपको इन 5 अपडेट्स के बारे में जरूर पता होना चाहिए। चलिए इसके बारे में जानें…

बैलेंस चेक करने पर लिमिट

अब आप हर UPI ऐप पर दिन में सिर्फ 50 बार ही अपने अकाउंट का बैलेंस चेक कर सकते हैं। यह कैलकुलेशन 24 घंटे की अवधि में की जाती है और इसमें सिर्फ वो बैलेंस रिक्वेस्ट शामिल होते हैं जो आप सीधे करते हैं। इसके अलावा UPI ऐप्स अब बैकग्राउंड में अपने आप बैलेंस चेक नहीं कर सकते हैं। साथ ही किसी को पेमेंट करने के बाद बार-बार बैलेंस चेक करने की जरूरत को कम करने के लिए आपका अपडेट किया गया बैलेंस स्क्रीन पर तभी दिखाया जाएगा।

बैंक अकाउंट डिटेल्स तक लिमिटेड एक्सेस

हर यूजर के पास अब UPI के जरिए अपने मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक अकाउंट की लिस्ट देखने के लिए हर दिन 25 बार की लिमिट होगी। यह तभी संभव होगा जब आप ऐप में अपना बैंक सेलेक्ट करेंगे।

ऑटो पेमेंट में बदलाव

UPI का ऑटो-पेमेंट सिस्टम जो OTT सब्सक्रिप्शन या EMI जैसे पेमेंट्स को संभालता है अब केवल नॉन-पीक टाइम में ही काम करेगा। यानी यह सुबह 10 बजे से पहले या रात 9:30 बजे के बाद ही पेमेंट करेगा। दरअसल ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि सबसे बिजी टाइम में सिस्टम पर ज्यादा लोड न पड़े।

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फेल हुए ऑटो-डेबिट के लिए लिमिट

हर ऑटो-डेबिट के लिए सिस्टम अब केवल एक मेन ट्राई और तीन रिट्राई की सुविधा देगा। इसका मतलब है कि किसी मैंडेट से जुड़े पेमेंट को पूरा करने के लिए आपको कुल चार मौके मिलेंगे। यह नया नियम किसी पेमेंट के बार-बार फेल होने पर नेटवर्क पर दबाव को रोकने के लिए है।

इन पर हो सकती है कार्रवाई

एनपीसीआई ने सभी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स और बैंक्स से 31 जुलाई तक इन नियमों को लागू करने को कहा है। अगर कोई ऐप या बैंक इन गाइडलाइन्स को फॉलो नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई भी हो सकती है।